तुम तक कैसे आऊँ
अपनी ख्वाहिशों को तोड़ ना पाऊँ
दिल के अरमानों को छोड़ ना पाऊँ
कहो ना तुम तक मैं कैसे आऊँ
तुम्हरी यादों को भूला ना पाऊँ
अपनी पलकों को कभी सूला ना पाऊँ
कहो ना तुम तक मैं कैसे आऊँ
तुम तक आना मैं सोच न पाऊँ
तुमसे प्यार करना मैं छोड़ ना पाऊँ
कहो ना तुम तक मैं कैसे आऊँ
अपनी सरहदों को तोड़ ना पाऊँ
तुम्हारे आने कि आस को दिल में समाऊं
आखिर कहो ना तुम तक मैं कैसे आऊँ
लेखिका
खुशबु
Comentários