मोहब्बत हो तुम।
आँखों को बंद करके देखा,
नज़र आया चेहरा तेरा ||
जब तन्हाईयों से सामना हुआ,
तेरे होने का एहसास हुआ ||
तब ज़िन्दगी ने पीछे से गिराना चाहा,
तुमने हमेशा मेरा विश्वास बढ़ाना चाहा ||
कैसे बयां करूँ कौन हो तुम,
मेरी ज़िन्दगी में नमक हो तुम ||
दिल और दिमाग में कशमकश है,
उलझी मेरी ज़िन्दगी की डोर है ||
दिमाग कहता है दोस्त हो तुम,
दिल कहता है मोहब्बत हो तुम ||
कैसे बयां करूँ कौन हो तुम,
मेरी चाहत, मेरी ख्वाहिश , आखिर मेरी मोहब्बत हो तुम ||
लेखिका
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