खेत खलिहान | Khet KhalihanPankajApr 2, 20211 min readUpdated: Apr 7, 2021खेत खलिहानहम हैं की तेरी तख़्त हैं,हम थे की तेरा वक़्त हैं।मत रख गुरुर ऐ ताज का,कि हैं मुद्दा वतन-ए-नाज़ का।ये दौर है धिक्कार का,किसान है पुकारता।बढ़े चलो, बढ़े चलो,जो पथ मिले अधिकार का।लेखकपंकज सबसे अच्छी किताबें जो आपको पढ़नी चाहिए
खेत खलिहानहम हैं की तेरी तख़्त हैं,हम थे की तेरा वक़्त हैं।मत रख गुरुर ऐ ताज का,कि हैं मुद्दा वतन-ए-नाज़ का।ये दौर है धिक्कार का,किसान है पुकारता।बढ़े चलो, बढ़े चलो,जो पथ मिले अधिकार का।लेखकपंकज सबसे अच्छी किताबें जो आपको पढ़नी चाहिए
Comments