काल का साल
ये काल है,
तभी तो कई सवाल है।
रहबर देखो तो ज़रा,
आम जन का क्या हाल है।
मीडिया का बुरा हाल है,
पुछे जो कोई सवाल,
क्या मजाल है।
ये काल है,
तभी तो कई सवाल है।
बीच में सिस्टम बेहाल है,
फिर भी देखो
दाढ़ी बढ़ाने का भौकाल है।
ये काल है,
तभी तो कई सवाल है।
बिछी लाशो का जाल है,
पर यहाँ तो सत्ता पाने का सवाल है।
ये हाल है,
तभी तो कई सवाल है |
लेखक
Kommentare